नहीं उठी हिंदी की ट्यूलाईट, चमका रजिस्ट्रार का बल्व
अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यासलय की माली हालात ठीक नहीं हैं। बजट ने विवि की आर्थिक व्यवस्था को चौपट कर दिया है। हालात इतने नाजुक हो चुके हैं कि अधिकारियों को कार्यालयीन खरीदी करने में माथापच्ची करना पड़ रही है। कुछ दिनों पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. बी भारती के कमरे की ट्यूबलाइट खराब हो गई थी। कमरे में अंधेरा होने के कारण उन्हें दूसरा ट्यूबलाइट खरीदना होगा। इसकेलिए उन्होंने खरीदी करने के निर्देश दिए। तब उन्हें बताया गया साहब विवि में बजट नहीं हैं। आपको अंधेरे में ही बैठना होगा। तब रजिस्ट्रार भारती ने अपनी जेब से रुपए निकाले और बाजार जाकर बल्व खरीद लाए। अब रजिस्ट्रार साहब बल्व की रोशनी में हिंदी विवि को चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें देख विवि में बचे खुचे कर्मचारी यही कह रहे हैं कि अब चमका रजिस्ट्रार का बल्व।
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